गुरबानी हिंदी

जापु साहिब

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
जापु ॥
स्री मुखवाक पातिसाही १० ॥
छपै छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
चक्क्र चिहन अरु बरन जाति अरु पाति नहिन जिह ॥ रूप रंग अरु रेख भेख कोऊ कहि न सकति किह ॥ अचल मूरति अनभउ प्रकास अमितोजि कहिज्जै ॥ कोटि इंद्र इंद्राण साहु साहाणि गणिजै ॥ तृभवण महीप सुर नर असुर नेत नेत बन तृण कहत ॥ तव सरब नाम कथै कवन करम नाम बरनत सुमति ॥१॥
भुजंग प्रयात छंद ॥
नमसत्वं अकाले ॥ नमसत्वं कृपाले ॥ नमसतं अरूपे ॥ नमसतं अनूपे ॥२॥ नमसतं अभेखे ॥ नमसतं अलेखे ॥ नमसतं अकाए ॥ नमसतं अजाए ॥३॥ नमसतं अगंजे ॥ नमसतं अभंजे ॥ नमसतं अनामे ॥ नमसतं अठामे ॥४॥ नमसतं अकरमं ॥ नमसतं अधरमं ॥ नमसतं अनामं ॥ नमसतं अधामं ॥५॥ नमसतं अजीते ॥ नमसतं अभीते ॥ नमसतं अबाहे ॥ नमसतं अढाहे ॥६॥ नमसतं अनीले ॥ नमसतं अनादे ॥ नमसतं अछेदे ॥ नमसतं अगाधे ॥७॥ नमसतं अगंजे ॥ नमसतं अभंजे ॥ नमसतं उदारे ॥ नमसतं अपारे ॥८॥ नमसतं सु एकै ॥ नमसतं अनेकै ॥ नमसतं अभूते ॥ नमसतं अजूपे ॥९॥ नमसतं नृकरमे ॥ नमसतं नृभरमे ॥ नमसतं नृदेसे ॥ नमसतं नृभेसे ॥१०॥ नमसतं नृनामे ॥ नमसतं नृकामे ॥ नमसतं नृधाते ॥ नमसतं नृघाते ॥११॥ नमसतं नृधूते ॥ नमसतं अभूते ॥ नमसतं अलोके ॥ नमसतं असोके ॥१२॥ नमसतं नृतापे ॥ नमसतं अथापे ॥ नमसतं तृमाने ॥ नमसतं निधाने ॥१३॥ नमसतं अगाहे ॥ नमसतं अबाहे ॥ नमसतं तृबरगे ॥ नमसतं असरगे ॥१४॥ नमसतं प्रभोगे ॥ नमसतं सुजोगे ॥ नमसतं अरंगे ॥ नमसतं अभंगे ॥१५॥ नमसतं अगंमे ॥ नमसतसतु रंमे ॥ नमसतं जलासरे ॥ नमसतं निरासरे ॥१६॥ नमसतं अजाते ॥ नमसतं अपाते ॥ नमसतं अमजबे ॥ नमसतसतु अजबे ॥१७॥ अदेसं अदेसे ॥ नमसतं अभेसे ॥ नमसतं नृधामे ॥ नमसतं नृबामे ॥१८॥ नमो सरब काले ॥ नमो सरब दिआले ॥ नमो सरब रूपे ॥ नमो सरब भूपे ॥१९॥ नमो सरब खापे ॥ नमो सरब थापे ॥ नमो सरब काले ॥ नमो सरब पाले ॥२०॥ नमसतसतु देवै ॥ नमसतं अभेवै ॥ नमसतं अजनमे ॥ नमसतं सुबनमे ॥२१॥ नमो सरब गउने ॥ नमो सरब भउने ॥ नमो सरब रंगे ॥ नमो सरब भंगे ॥२२॥ नमो काल काले ॥ नमसतसतु दिआले ॥ नमसतं अबरने ॥ नमसतं अमरने ॥२३॥ नमसतं जरारं ॥ नमसतं कृतारं ॥ नमो सरब धंधे ॥ नमोसत अबंधे ॥२४॥ नमसतं नृसाके ॥ नमसतं नृबाके ॥ नमसतं रहीमे ॥ नमसतं करीमे ॥२५॥ नमसतं अनंते ॥ नमसतं महंते ॥ नमसतसतु रागे ॥ नमसतं सुहागे ॥२६॥ नमो सरब सोखं ॥ नमो सरब पोखं ॥ नमो सरब करता ॥ नमो सरब हरता ॥२७॥ नमो जोग जोगे ॥ नमो भोग भोगे ॥ नमो सरब दिआले ॥ नमो सरब पाले ॥२८॥
चाचरी छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
अरूप हैं ॥ अनूप हैं ॥ अजू हैं ॥ अभू हैं ॥२९॥ अलेख हैं ॥ अभेख हैं ॥ अनाम हैं ॥ अकाम हैं ॥३०॥ अधे हैं ॥ अभे हैं ॥ अजीत हैं ॥ अभीत हैं ॥३१॥ तृमान हैं ॥ निधान हैं ॥ तृबरग हैं ॥ असरग हैं ॥३२॥ अनील हैं ॥ अनादि हैं ॥ अजे हैं ॥ अजादि हैं ॥३३॥ अजनम हैं ॥ अबरन हैं ॥ अभूत हैं ॥ अभरन हैं ॥३४॥ अगंज हैं ॥ अभंज हैं ॥ अझूझ हैं ॥ अझंझ हैं ॥३५॥ अमीक हैं ॥ रफ़ीक हैं ॥ अधंध हैं ॥ अबंध हैं ॥३६॥ नृबूझ हैं ॥ असूझ हैं ॥ अकाल हैं ॥ अजाल हैं ॥३७॥ अलाह हैं ॥ अजाह हैं ॥ अनंत हैं ॥ महंत हैं ॥३८॥ अलीक हैं ॥ नृस्रीक हैं ॥ नृलंभ हैं ॥ असंभ हैं ॥३९॥ अगंम हैं ॥ अजंम हैं ॥ अभूत हैं ॥ अछूत हैं ॥४०॥ अलोक हैं ॥ असोक हैं ॥ अकरम हैं ॥ अभरम हैं ॥४१॥ अजीत हैं ॥ अभीत हैं ॥ अबाह हैं ॥ अगाह हैं ॥४२॥ अमान हैं ॥ निधान हैं ॥ अनेक हैं ॥ फिरि एक हैं ॥४३॥
भुजंग प्रयात छंद ॥
नमो सरब माने ॥ समसती निधाने ॥ नमो देव देवे ॥ अभेखी अभेवे ॥४४॥ नमो काल काले ॥ नमो सरब पाले ॥ नमो सरब गउणे ॥ नमो सरब भउणे ॥४५॥ अनंगी अनाथे ॥ नृसंगी प्रमाथे ॥ नमो भान भाने ॥ नमो मान माने ॥४६॥ नमो चंद्र चंद्रे ॥ नमो भान भाने ॥ नमो गीत गीते ॥ नमो तान ताने ॥४७॥ नमो नृत्त नृत्ते ॥ नमो नाद नादे ॥ नमो पान पाने ॥ नमो बाद बादे ॥४८॥ अनंगी अनामे ॥ समसती सरूपे ॥ प्रभंगी प्रमाथे ॥ समसती बिभूते ॥४९॥ कलंकं बिना नेकलंकी सरूपे ॥ नमो राज राजेस्वरं परम रूपे ॥५०॥ नमो जोग जोगेस्वरं परम सिद्धे ॥ नमो राज राजेस्वरं परम बृधे ॥५१॥ नमो ससत्र पाणे ॥ नमो असत्र माणे ॥ नमो परम गिआता ॥ नमो लोक माता ॥५२॥ अभेखी अभरमी अभोगी अभुगते ॥ नमो जोग जोगेस्वरं परम जुगते ॥५३॥ नमो नित्त नाराइणे क्रूर करमे ॥ नमो प्रेत अप्रेत देवे सुधरमे ॥५४॥ नमो रोग हरता ॥ नमो राग रूपे ॥ नमो साह साहं ॥ नमो भूप भूपे ॥५५॥ नमो दान दाने ॥ नमो मान माने ॥ नमो रोग रोगे ॥ नमसतं सनाने ॥५६॥ नमो मंत्र मंत्रं ॥ नमो जंत्र जंत्रं ॥ नमो इसट इसटे ॥ नमो तंत्र तंत्रं ॥५७॥ सदा सच्चदानंद सरबं प्रणासी ॥ अनूपे अरूपे समसतुल निवासी ॥५८॥ सदा सिधदा बुधदा बृध करता ॥ अधो उरध अरधं अघं ओघ हरता ॥५९॥ परं परम परमेस्वरं प्रोछ पालं ॥ सदा सरबदा सिद्ध दाता दिआलं ॥६०॥ अछेदी अभेदी अनामं अकामं ॥ समसतो पराजी समसतसतु धामं ॥६१॥
तेरा जोरु ॥
चाचरी छंद ॥
जले हैं ॥ थले हैं ॥ अभीत हैं ॥ अभे हैं ॥६२॥ प्रभू हैं ॥ अजू हैं ॥ अदेस हैं ॥ अभेस हैं ॥६३॥
भुजंग प्रयात छंद ॥
अगाधे अबाधे ॥ अनंदी सरूपे ॥ नमो सरब माने ॥ समसती निधाने ॥६४॥ नमसत्वं नृनाथे ॥ नमसत्वं प्रमाथे ॥ नमसत्वं अगंजे ॥ नमसत्वं अभंजे ॥६५॥ नमसत्वं अकाले ॥ नमसत्वं अपाले ॥ नमो सरब देसे ॥ नमो सरब भेसे ॥६६॥ नमो राज राजे ॥ नमो साज साजे ॥ नमो शाह शाहे ॥ नमो माह माहे ॥६७॥ नमो गीत गीते ॥ नमो प्रीत प्रीते ॥ नमो रोख रोखे ॥ नमो सोख सोखे ॥६८॥ नमो सरब रोगे ॥ नमो सरब भोगे ॥ नमो सरब जीतं ॥ नमो सरब भीतं ॥६९॥ नमो सरब गिआनं ॥ नमो परम तानं ॥ नमो सरब मंत्रं ॥ नमो सरब जंत्रं ॥७०॥ नमो सरब दृस्सं ॥ नमो सरब कृस्सं ॥ नमो सरब रंगे ॥ तृभंगी अनंगे ॥७१॥ नमो जीव जीवं ॥ नमो बीज बीजे ॥ अखिज्जे अभिज्जे ॥ समसतं प्रसिज्जे ॥७२॥ कृपालं सरूपे ॥ कुकरमं प्रणासी ॥ सदा सरबदा रिधि सिधं निवासी ॥७३॥
चरपट छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
अंमृत्त करमे ॥ अंबृत धरमे ॥ अखल्ल जोगे ॥ अचल्ल भोगे ॥७४॥ अचल्ल राजे ॥ अटल्ल साजे ॥ अखल्ल धरमं ॥ अलक्ख करमं ॥७५॥ सरबं दाता ॥ सरबं गिआता ॥ सरबं भाने ॥ सरबं माने ॥७६॥ सरबं प्राणं ॥ सरबं त्राणं ॥ सरबं भुगता ॥ सरबं जुगता ॥७७॥ सरबं देवं ॥ सरबं भेवं ॥ सरबं काले ॥ सरबं पाले ॥७८॥
रूआल छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
आदि रूप अनादि मूरति अजोनि पुरख अपार ॥ सरब मान तृमान देव अभेव आदि उदार ॥ सरब पालक सरब घालक सरब को पुनि काल ॥ जत्त्र तत्त्र बिराजही अवधूत रूप रिसाल ॥७९॥ नाम ठाम न जाति जाकर रूप रंग न रेख ॥ आदि पुरख उदार मूरति अजोनि आदि असेख ॥ देस और न भेस जाकर रूप रेख न राग ॥ जत्त्र तत्त्र दिसा विसा हुइ फैलिओ अनुराग ॥८०॥ नाम काम बिहीन पेखत धाम हूँ नहि जाहि ॥ सरब मान सरबत्त्र मान सदैव मानत ताहि ॥ एक मूरति अनेक दरसन कीन रूप अनेक ॥ खेल खेलि अखेल खेलन अंत को फिरि एक ॥८१॥ देव भेव न जानही जिह बेद अउर कतेब ॥ रूप रंग न जाति पाति सु जानई किंह जेब ॥ तात मात न जात जाकर जनम मरन बिहीन ॥ चक्क्र बक्क्र फिरै चतुर चक्क मानही पुर तीन ॥८२॥ लोक चउदह के बिखै जग जापही जिंह जाप ॥ आदि देव अनादि मूरति थापिओ सबै जिंह थापि ॥ परम रूप पुनीत मूरति पूरन पुरख अपार ॥ सरब बिस्व रचिओ सुयंभव गड़न भंजनहार ॥८३॥ काल हीन कला संजुगति अकाल पुरख अदेस ॥ धरम धाम सु भरम रहित अभूत अलख अभेस ॥ अंग राग न रंग जाकहि जाति पाति न नाम ॥ गरब गंजन दुसट भंजन मुकति दाइक काम ॥८४॥ आप रूप अमीक अनउसतति एक पुरख अवधूत ॥ गरब गंजन सरब भंजन आदि रूप असूत ॥ अंग हीन अभंग अनातम एक पुरख अपार ॥ सरब लाइक सरब घाइक सरब को प्रतिपार ॥८५॥ सरब गंता सरब हंता सरब ते अनभेख ॥ सरब सासत्र न जानही जिंह रूप रंगु अरु रेख ॥ परम बेद पुराण जाकहि नेति भाखत नित्त ॥ कोटि सिंमृत पुरान सासत्र न आवई वहु चित्त ॥८६॥
मधुभार छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
गुन गन उदार ॥ महिमा अपार ॥ आसन अभंग ॥ उपमा अनंग ॥८७॥ अनभउ प्रकास ॥ निस दिन अनास ॥ आजान बाहु ॥ साहान साहु ॥८८॥ राजान राज ॥ भानान भान ॥ देवान देव ॥ उपमा महान ॥८९॥ इंद्रान इंद्र ॥ बालान बाल ॥ रंकान रंक ॥ कालान काल ॥९०॥ अनभूत अंग ॥ आभा अभंग ॥ गति मिति अपार ॥ गुन गन उदार ॥९१॥ मुनि गन प्रनाम ॥ निरभै नृकाम ॥ अति दुति प्रचंड ॥ मिति गति अखंड ॥९२॥ आलिस्य करम ॥ आदृस्य धरम ॥ सरबा भरणाढ्य ॥ अनडंड बाढ्य ॥९३॥
चाचरी छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
गुबिंदे ॥ मुकंदे ॥ उदारे ॥ अपारे ॥९४॥ हरीअं ॥ करीअं ॥ नृनामे ॥ अकामे ॥९५॥
भुजंग प्रयात छंद ॥
चत्त्रु चक्क्र करता ॥ चत्त्रु चक्क्र हरता ॥ चत्त्रु चक्क्र दाने ॥ चत्त्रु चक्क्र जाने ॥९६॥ चत्तु्र चक्क्र वरती ॥ चत्तु्र चक्क्र भरती ॥ चत्तु्र चक्क्र पाले ॥ चत्तु्र चक्क्र काले ॥९७॥ चत्तु्र चक्क्र पासे ॥ चत्तु्र चक्क्र वासे ॥ चत्तु्र चक्क्र मान्यै ॥ चत्त्रु चक्क्र दान्यै ॥९८॥
चाचरी छंद ॥
न सत्त्रै ॥ न मित्त्रै ॥ न भरमं ॥ न भित्त्रै ॥९९॥ न करमं ॥ न काए ॥ अजनमं ॥ अजाए ॥१००॥ न चित्त्रै ॥ न मित्त्रै ॥ परे हैं ॥ पवित्त्रै ॥१०१॥ पृथीसै ॥ अदीसै ॥ अदृसै ॥ अकृसै ॥१०२॥
भगवती छंद ॥ त्व प्रसादि कथते ॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *